रूस और युक्रेन युद्ध को शुरू हुए करीब सात माह हो चुके हो. लेकिन युद्ध आज भी जारी है. वहीँ अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युक्रेन के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में जनमत संग्रह करवा के क्षेत्र को अपने अधिकार में लेने की कोशिश की है.

रूस और युक्रेन युद्ध को शुरू हुए करीब सात माह हो चुके हो. लेकिन युद्ध आज भी जारी है. वहीँ अब रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युक्रेन के अपने कब्जे
Credit – Internet

जिस पर युक्रेन की कड़ी प्रतिक्रिया भी आई थी. युक्रेन का कहना था की रूस बन्दूक की नोक पर जनमत संग्रह करवा रहा है. वहीँ रूस की और से इन आरोपों को नकारा गया था. रूस की सेना के कब्जे वाले युक्रेन को रूस अधिकारीक रूप से रूस में विलय करना चाहता है. इसके लिए रूस की और से जनमत संग्रह का सहारा लिया जा रहा है.

क्या लालू यादव खुद को PFI का मेम्बर बताएँगे ? – गिरिराज सिंह

क्योंकि बाद में दुनिया को जनमत संग्रह दिखाकर युक्रेन पर कब्ज़ा कर लिया जायेगा. इसके विरोध में अमेरिका के द्वारा निंदा प्रस्ताव लाया गया था. जिसमे भारत ने अपनी दोस्ती निभाई और निंदा प्रस्ताव में शामिल नहीं हुआ.

रूस ने पश्चिमी देशों पर लगाया आरोप – रूस युक्रेन युद्ध

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया. पुतिन ने कहा की ये देश रूस को ब्रिटिश कालोनी बनाना चाहते है. लेकिन वो ऐसा होने नहीं देंगे. पश्चिमी देशों ने पहले भारत को भी बहुत लूटा था. लेकिन बाद में उन्हें माकूल जवाब दिया गया था.
पुतिन ने दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया पर रुसी कब्जे की घोषणा की है.

भारत जोड़ो यात्रा और इससे जुड़े विवाद – bharat jodo yatra

जिन्हें रूस में मिलाने की तैयारी है. पुतिन के जवाब में जेलेंसकी ने कहा की युक्रेन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन सैन्य गठबंधन (NATO) में शामिल होने के लिए तैयार है. वो इसके लिए एक आवेदन भी प्रस्तुत करने जा रहा है. वहीँ जो बाइडेन ने कहा की वो और उसके सहयोगी देश रूस से डरने वाले नहीं है. वो गीदड़ भभकी देना बंद करे.

वहीँ रूस के द्वारा दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया पर कब्जे की घोषणा के बाद अमेरिकी अधिकारिओं ने नए प्रतिबंधो की मांग की है.

भारत और रूस अच्छे दोस्त है

भारत एक लोकतान्त्रिक देश है. लेकिन इसके बावजूद भारत और रूस के रिश्ते हमेशा अच्छे ही रहे है. रूस ने भारत का हमेशा सहयोग किया है. चाहे वो भारत पाकिस्तान युद्ध हो या भारत को हथियार देने हो. इसलिए भारत भी हमेशा से रूस के साथ खड़ा रहा है. 

russia ukraine war – vladimir putin russia ukraine war हिंदी

इसलिए भारत रूस के हमेशा साथ खड़ा रहा है. रूस के खिलाफ अमेरिका द्वारा लाए गए निंदा प्रस्ताव में भारत – चीन सहित चार देश तटस्थ रहे है. और भारत ने हमेशा एक अच्छे दोस्त होने का सबूत दिया है.

ये भी पढ़े