Rohingya muslims : रोहिंग्या मुसलमान(Rohingya muslims); ये एक ऐसा शब्द है जिससे शायद आप पहले से वाकीफ होंगे. रोहिंग्या मुसलमानो के बारे में सबसे बड़ा सवाल ये है की क्या वास्तव में ये शरणार्थी है, या कुछ राजनेताओं के वोट बैंक है। आज के इस आर्टिकल में रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में विस्तार से अध्ययन करने वाले है. दिल्ली में जहाँगीरपूरी दंगो के बाद एक बार फिर चर्चा में आये रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में चर्चा जोरो पर है तो आज के इस आर्टिकलमें हम रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में बात करने वाले है.

रोहिंग्या मुसलमान कौन है – Who are Rohingya Muslims
Rohingya muslims : रोहिंग्या मुसलमान धार्मिक तौर पर मुस्लिम होते है जो मूल रूप से रखाईन राज्य के निवासी है, रखाईन म्यांमार देश का एक राज्य है जो बंगाल की खाड़ी के साथ तटवर्ती है. 1948 को म्यांमार अंग्रेजो की गुलामी से आजद हुआ था और 1982 में बर्मा राष्ट्रिय कानून पारित किया गया था. जिसमे रोहिंग्या मुसलमानों को कोई जगह नहीं दी गई थी.
उसके बाद म्यांमार में बहुसंख्यको और सेना के द्वारा इनके उत्पीडन का आरोप लगा जिसके बाद 2012 में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद ये लोग बड़ी संख्या में बांग्लादेश की और पलायन करके आये थे जिसके बाद कई कारणों से बांग्लादेश में इनका उत्पीडन किया जाने लगा और परिणामस्वरूप ये लोग बड़ी मात्रा में भारत की और पलायन करने लगे थे. और आज लगभग 40,000 हजार से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान भारत के भिन्न भिन्न इलाको में रहते है. जहाँगीरपूरी के दंगो में रोहिंग्या मुसलमानों का नाम आने के बाद भारत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ आवाज उठ रही है.
रोहिंग्या Rohingya Muslims history
Rohingya muslims : रोहिंग्या मुसलमान मूल रूप से म्यांमार(बर्मा) के रखाईन और बांग्लादेश के चटगाँव के निवासी है. लेकिन हर जगह उत्पीडन सहने और लगातार प्रवास के कारण इन्हें राज्यविहीन कहा गया है. ये धार्मिक मान्यताओ के हिसाब से मुसलमान होते है. लेकिन बांग्लादेश और म्यांमार दोनों देशो की सरकारे इन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर रही है और इसी वजह से इनका निर्ममता से दमन किया जाता है. आज भी रोहिंग्या मुसलमानों बांग्लादेश और थाईलैंड के शरणार्थी शिविरों में अमानवीय हालातो में रहने को मजबूर है. आइये म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में विस्तार से जानते है-
म्यांमार और बांग्लादेश के रोहिंग्या मुसलमान – Rohingya Muslims from Myanmar and Bangladesh
Rohingya muslims : रोहिंग्या मुसलमानों को मूल रूप से म्यांमार का निवासी ही माना जाता है, म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का इतिहास1400 ईसवी में शुरू हुआ था. 1948 में म्यांमार की आजादी के संघर्ष में भी रोहिंग्या मुसलमानों ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन आजादी के बाद इन्हें अलग थलग कर दिया गया और उत्पीडन किया जाने लगा था. सन 1982 में जब म्यांमार में राष्ट्रीयता कानून पास किया गया तो रोहिंग्या मुसलमानों को देश के नागरिक का दर्जा नहीं दिया गया था जिसके बाद से इनके साथ उत्पीडन की घटनाये तेज हो गई थी, लगातार प्रताड़ना के चलते बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों विदेशो की और पलायन करने लगे थे.
म्यांमार से विस्थापित होकर रोहिंग्या मुसलमान बड़ी संख्या में बांग्लादेश की ओर आये, और करीब 900,000 से ज्यादा(2017 में) रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में आकर बस गए थे. जिससे वहां भी रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार की घटनाएं आने लगी थी और वहां से इन्होने भारत की और रुख करना शुरू किया. लेकिन यहाँ दिक्कत ये हो गई की भारत सरकार को डर है की इन रोहिंग्या मुसलमानों को चीन और पाकिस्तान हथियार के तौर पर इस्तेमाल ना कर ले इसलिए भारत सरकार ने शरण देने से साफ़ मना कर दिया है.
इस चार्ट के माध्यम से ए जानने की कोशिश करते है की किस दश में कितने रोहिंग्या शरणार्थी है-
देश का नाम | कुल रोहिंग्या जनसख्या (सितम्बर 2017) |
बांग्लादेश | 900,000+ |
म्यांमार | 500,000+ |
सऊदी अरब | 400,000+ |
थाईलैंड | 100,000+ |
मलेशिया | 40,700 |
भारत | 40,000 |
संयुक्त राज्य | 12,000 |
इंडोनेशिया | 11,941 |
नेपाल | 200 |
क्या भारत वास्तव में सुरक्षित हाथों है
भारत में रोहिंग्या मुसलमान – Rohingya Muslims in India
Rohingya muslims वर्तमान हालत की बात करे तो भारत में करीब 40000 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान रहते है और ये आंकड़े कम हो सकते है क्योंकि ये आंकड़े सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड के है बाकी ऐसा अनुमान है की काफी लोग अवैध रूप से छुपकर भी रह रहे है. कई बार दंगो और उत्पात में रोहिंग्या मुसलमानों का नाम आ चुका है जिसमे इन पर दंगे करने का आरोप लगा है जिसका ताजा उदाहरण जहाँगीरपूरी दंगो के रूप में मिला है.
भारत में रोहिंग्या मुसलमान सबसे ज्यादा जम्मू एंड कश्मीर में रहते है उसके बाद उत्तरप्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में फैले हुए है. अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी के कारण इनमे से कई लोग आंतकवादी गतिविधियों में भी लिप्त हो जाते है जो की राष्ट्रिय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और इसी कारण भारत सरकार हमेशा से अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रही है. भारत सरकार विदेशी अधिनियम 1946, की धारा 3(2) के तहत इन्हें वापस भेजने की बात कर रही है.
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वर्तमान में भारतीय रोहिंग्या मुसलमान
हाल ही में केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी के ट्विट से सियासत गरमा गई थी जब उन्होंने अपने ट्विट में रोहिंग्या शरणार्थीयो को केंद्र सरकार फ्लैट देने वाली है, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा था की ऐसी कोई बात नहीं है, फ़िलहाल रोहिंग्या मुसलमान है वहीँ रहेंगे लेकिन जल्द ही उन्हें अपने देश भेज दिया जायेगा. चाहे जो भी हो उस ट्विट के बाद रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में सियासत गरमा गई थी और हर तरफ से केंद्र सरकार को घेरा जाने लगा था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने कहा था की हमारा लक्ष्य स्पष्ट है हम अपने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के साथ किसी भी कीमत में समझौता नही कर सकते है. इसलिए रोहिंग्या मुसलमानों को उनके देश वापस भेजा जायेगा इसमें कोई दो राय नहीं है.
भारत में सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान जम्मू और कश्मीर में रहते है, जम्मू कश्मीर में इनकी संख्या करीब 10000 से ज्यादा है, भारत में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानो पर आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप भी लगते रहे है, हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है की रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya muslims) को नेपाल और पाकिस्तान के कुछ जेहादी संगठनों के द्वारा फंडिंग की जा रही है, जिसे भारत सरकार देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मान रही है, क्योंकि भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं और ऐसे हालातों में ये दोनो देश रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya muslims) को भारत के खिलाफ गलत इस्तेमाल कर सकते है इसीलिए भारत सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya muslims) को वापस भेजने का निश्चय किया है।
विशेष
भारत में कश्मीर के अलावा दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और बिहार में बड़ी संख्या में अवैध रूप से बसे हुए है, और कई राजनीतिक दल अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya muslims) को अवैध रूप से बसा रहे है, जो देश के लिए आने वाले समय में बड़ा खतरा साबित हो सकता है, भारत में कई बार रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya muslims) का नाम धार्मिक दंगो में भी आ चुका है यही कारण है की केंद्र सरकार इस मामले में सख्ती से निपटने को तैयार है।
पश्चिम बंगाल में तो बकायदा कई रोहिंग्या मुसलमानो के कागजात भी तैयार करवा दिए है ताकि उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
बाकी आपकी इस पर क्या राय है कमेट करके जरुर बताये
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