क्रिकेट नियम : क्रिकेट भारत ही नहीं दुनियाभर में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला आउटडोर गेम क्रिकेट है। इस खेल के लाखों दीवाने है। क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने में इसकी पारदर्शी नियम प्रणाली भी महत्वपूर्ण है।

हाल ही में क्रिकेट के नियमों से जुड़े कुछ अहम बदलाव किए है। अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने क्रिकेट के नौ नियमों में बहुत जरूरी बदलाव किए है। ये नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होने वाले है।
बदल गए है नौ क्रिकेट नियम
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली कमेटी में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। क्रिकेट के कुछ नियम जिनमे बदलाव जरूरी था, या जो खेल की भावना के विरुद्ध प्रतीत हो रहे थे। इन सभी नौ नियमों में बहुत जरूरी बदलाव किए है।ये सभी बदलाव खेल की भावना को ध्यान में रखकर किए गए है। इनमे बदलाव की मांग पहले भी उठ चुकी है। ऐसे में ICC का ये कदम सराहनीय माना जायेगा।आइए जानते है की कौनसे नियम में क्या बदलाव हुए है, और इसका अब क्रिकेटर पर क्या प्रभाव पड़ेगा। चलिए शुरू करते हैं।
इन क्रिकेट नियमों में हुआ है बदलाव
क्रिकेट में बदले गए मुख्य नियम कैच आउट, बॉलिंग और पिच से जुड़े हुए है आइए जानते है –
कैच आउट(Catch Out)
कैच आउट होने पर नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक पर आकर खेलेगा, भले ही बल्लेबाज कैच होने से पहले एक दूसरे को पर कर चुके हो।बदलाव से पहले जब कोई खिलाड़ी कैच आउट होता था तो नया बल्लेबाज ज्यादातर दूसरे छोर पर जाता था, जबकि क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज बैटिंग करता था।लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, नए खिलाड़ी को ही पहली गेंद खेलनी होगी।हां लेकिन अगर ओवर की आखरी गेंद पर विकेट गिरता है, तो नया बल्लेबाज ऑफ स्ट्राइक पर रहेगा। और दूसरा बल्लेबाज खेलेगा। इस नियम का असर सबसे ज्यादा आखिरी ओवर में स्ट्राइक बदलने वाली टीम पर पड़ेगा।
लार पर पूर्णतया प्रतिबंध (complete ban on saliva)
कोरोना काल में बॉलर के द्वारा बॉल पर लार लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन अब इस प्रतिबंध को नियमित कर दिया गया है। बॉलर गेंद पर लार लगा के चमकाते थे, जिससे गेंद को स्विंग करवाने में आसानी रहती है। जब कोरोना में लार पर प्रतिबंध लगाया गया था तो काफी बॉलर लार की जगह पसीने से बॉल चमकाने लगे थे। जो की लार से भी ज्यादा कारगर साबित हुआ था, इसलिए ICC ने इस पर सख्ती दिखाते हुए लार से बॉल चमकाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया है।अगर कोई बॉलर ऐसा करता पाया जाता है तो ये बॉल टेपरिंग की सूची में आएगा।बॉल टेपरिंग का मतलब गेंद से छेड़खानी करना है, जिससे गलत तरीके से बॉलिंग को प्रभावी बनाया जा सके।
स्ट्राइक के लिए समय घटाया है
इस नियम के आने से पहले स्ट्राइक के लिए बल्लेबाजों को तीन मिनट का समय मिलता था। जिससे खेल का कुल समय बढ़ जाता था, जिसे कम करने के उद्देश्य से ये नियम बनाया गया है।ये नियम आने के बाद अब विकेट गिरने के बाद नए बल्लेबाज को टेस्ट और वनडे में 2 मिनट के भीतर स्ट्राइक लेने के लिए तैयार होना होगा, जबकि T-20 में यह समय पहले की तरह 90 सेकंड ही रखा गया है।जिससे खेल का समय बचेगा, और परफॉर्मेंस पर ध्यान होगा। और बल्लेबाज जल्दी क्रीज पर आयेंगे।
पिच से बाहर वाली गेंद पर रन नही मिलेगा
अक्सर ऐसा देखा जाता है की पिच से बाहर जाने वाली गेंद पर प्लेयर शॉट मारकर रन बटोर लेते है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, नए नियमों के अनुसार अगर बॉलर को फेंकी गेंद पिच से बाहर जाती हैं तो उसे डेड बॉल माना जायेगा।लेकिन अगर को बॉल बल्लेबाज को पिच छोड़ने को मजबूर करती है तो उसे नो बॉल माना जायेगा।पुराने नियमों के अनुसार गेंद के बॉलर के हाथ से छूटने के बाद इसे कहीं भी जाकर खेला जा सकता था, बल्लेबाज इसका भरपूर फायदा उठाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ऐसी गेंद को डेड बॉल और प्लेयर को बाहर निकलने के लिए मजबूर करने वाली गेंद को नो बॉल माना जायेगा।
फील्डर के गलत व्यवहार पर 5 रन की पेनल्टी
बॉलर के गेंद फेंकने से पहले अगर फील्डर जानबूझकर कोई गलत हरकत करते हैं, जिससे प्लेयर के रन बनाने में दिक्कत हो तो अंपायर उस गेंद को डेड बॉल देने के अलावा बल्लेबाजी करने वाली टीम को पेनल्टी के रूप में पांच रन दे सकते हैं।हालांकि इस बात का पहले भी ध्यान रखा जाता था लेकिन अब इसपर नियम बनाकर इसे सख्ती से पालन किया जाएगा। जिससे खेल के मैदान में अनुचित बर्ताव पर रोक लगेगी, और खेल में सद्भावना का विकास होगा।
रन आउट
अगर गेंदबाज गेंद फेंकने से पहले ही नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज को गिल्लिया उखाड़ कर आउट करता है, तो अब से ये आउट माना जायेगा।मतलब गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले अगर नॉन स्ट्राइक पर खड़ा बल्लेबाज अगर क्रीज से बाहर निकलता है, तो उसे आउट किया जा सकता है।आपको बता दे की ये नियम पहले से ही था, लेकिन ये काफी ज्यादा विवादित था। इस तरह से आउट करने वाले बॉलर की बहुत ज्यादा आलोचना की जाती थी।लेकिन अब इस नियम को खेल में शामिल कर लिया गया है, जिससे ये एक परमानेंट नियम बन गया है।
ओवर शुरू करने का समय
T-20 क्रिकेट में धीमी ओवर गति पर जुर्माने का नया प्रावधान लाया गया है। 2023 विश्वकप के बाद इसे वनडे में भी लागू किया जाएगा। इस नियम के अनुसार गेंदबाजी करने वाली टीम को निश्चित समय के अंदर अपना आखिरी ओवर शुरू करना होता है। अगर तय समय पर कोई टीम अपना आखिरी ओवर नहीं शुरू कर पाती है तो उस समय सीमा के बाद जितने भी ओवर होते हैं। उनमें एक फील्डर बाउंड्री से हटाकर 30 गज के दायरे के अंदर रखना पड़ता है।पहले ऐसा होने पर पहली बार में कप्तान पर और दूसरी बार में पूरी टीम पर जुर्माना लगाया जाता था, तीसरी बार होने पर कप्तान पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया जाता था। लेकिन अब उसी मैच में निर्णय किया जाएगा।
हाइब्रिड पिच
ऊपर बताए गए नियमों के अलावा महिला और पुरुष वनडे और T-20 मैचों के लिए खेलने की शर्तों में बदलाव किया जाएगा, ताकि दोनों टीमों के सहमत होने पर हाइब्रिड पिचों का उपयोग किया जा सके।अब सभी पुरुषों और महिलाओं के वनडे और टी20 मैचों में दोनों टीमों की सहमति होने पर हाइब्रिड पिचों का उपयोग किया जा सकेगा। वर्तमान में, हाइब्रिड पिचों का उपयोग केवल महिला T-20 मैचों में ही किया जा सकता है। एक अक्टूबर के बाद से इस नियम को लागू किया जाएगा।
गेंद फेंकने से पहले रन आउट नही
अब तक जब बॉलर बॉलिंग करता था तो अगर स्ट्राइक पर बल्लेबाज अगर क्रीज से बाहर निकल जाता था तो उसे रन आउट कर दिया जाता था।लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता है, बल्लेबाज को अपनी क्रीज के इस्तेमाल की पूरी आजादी होगी।हां नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज को जरूर आऊट किया जा सकता है, यदि वो गेंद फेंकने से पहले क्रीज से बाहर आ जाता है।
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