new congress president: भारत का दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक दल इन दिनों नेतृत्व की कमी से जूझ रहा है, अब ये मत कहना की राहुल गांधी जी है जब नेतृत्व में तो किस बात की कमी, देखो यहां पर बात दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के, दूसरे सबसे बड़े राजनैतिक दल के नेतृत्व की हो रही है। कांग्रेस में इस वक्त अध्यक्ष पद पर श्रीमान राहुल गांधी जी विराजमान है,
और राहुल जी के नेतृत्व में कांग्रेस का जो हाल हुआ है उसे देख कर तो कांग्रेस के नेता भी कहने लगे है की भईया या तो नेतृत्व में बदलाव करो, नही तो हम चले मोदी जी के यहां। ऐसी स्थिति में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चाहता है की पार्टी में कुछ बदलाव किए जाए ताकि ज्यादा ना सही कम से कम अपनी पार्टी के नेताओ को तो रोक के रखा जा सके।

Rohingya muslims Case Study in Hindi
यहां पर सवाल ये उठता है की जब आजादी के इतने सालो बाद भी इस पार्टी का अध्यक्ष पद गांधी परिवार के सदस्य के हाथ में रहा है तो अब अगर पार्टी के अध्यक्ष पद से गांधी परिवार के सदस्य को हटाया जाएगा तो इसके क्या परिणाम होंगे? इसलिए new congress president पर बात चली है.
साथ ही अगर new congress president चुना जाता है तो वो कौनसे चेहरे है जिनका नंबर सबसे पहले आएगा? नया अध्यक्ष नियुक्त करने से बाकी दलों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? और सबसे बड़ा सवाल आखिर ऐसी तो क्या ही मजबूरी आन पड़ी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की जरूरत पड़ी है? कमाल की जानकारी देंगे हम, आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ना।
क्या भारत वास्तव में सुरक्षित हाथों है
Congress के राष्ट्रीय अध्यक्ष को क्यों बदला जा रहा है
new congress president: देखिए ऐसा तो है नही की आज तक सिर्फ गांधी परिवार के सदस्य ही congress के अध्यक्ष रहे है, आज से पहले congress पार्टी के कुल 13 अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के रहे है, लेकिन ये भी सच है की पार्टी की असली कमान तो गांधी परिवार के किसी न किसी सदस्य के हाथ में ही रही है, गांधी परिवार के अलावा congress के अध्यक्ष निम्न है –
Kya Bharat Hindu Rashtra hai? – Hindu Rashtra
कांग्रेस के गैर गाँधी परिवार के अध्यक्ष
विकिपीडिआ के अनुसार आजादी के बाद से आज तक कुल 13 लोग ऐसे है जो गैर गाँधी परिवार के होने के बावजूद भी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है, और 5 बार गाँधी परिवार के लोग अध्यक्ष रहे है-
- जे बी कृपलानी, (1947 में)
- पट्टाभि सीतारमैया (1948-49)
- पुरुषोत्तम दास टंडन, (1950 में)
- यू एन ढेबर, (1955-59 तक भी)
- नीलम संजीव रेड्डी ( 1960-1963 तक)
- कामराज (1964-1967)
- एस. निजलिंग्प्पा (1968-1969)
- बाबु जगजीवन राम(1970-1971)
- शंकर दयाल शर्मा(1972-1974)
- देवकांत बरुआ (1975-77)
- ब्रह्मानंद रेड्डी (1977-78)
- पी वी नरसिम्हा राव (1992-96)
- सीताराम केसरी (1996-19)
तो भैया अब फिर से वही सवाल की जब इतने सारे लोग गाँधी परिवार के अलावा अध्यक्ष रहे है तो लोग कांग्रेस के पतन का ठीकरा गाँधी परिवार के सदस्यों पर क्यों फोड़ा जा रहा है, तो सुनो पहला कारण है आजादी के बाद भले ही 13 अध्यक्ष गैर गाँधी परिवार के हो लेकिन कहीं ना कहीं पार्टी की बागडोर गाँधी परिवार के सदस्यों के हाथ में ही रही है, कांग्रेस पार्टी के गैर गाँधी परिवार के अध्यक्ष सिर्फ विशेष परिस्थितियों में ही बनाये गए थे लेकिन पार्टी की बागडोर गाँधी परिवा के पास होने से इसे हम एक तरह से गाँधी परिवार द्वारा संचालित थी.
चीन ताइवान युद्ध – कारण, प्रभाव, समर्थक देश, और भारत की भूमिका
दूसरा कारण है की यदा कदा गैर गाँधी परिवार के सदस्य को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की बात आई तो ज्यादातर अध्यक्ष एक या दो साल के लिए ही अध्यक्ष बने थे. वहीँ भले ही गाँधी परिवार के पांच सदस्य अध्यक्ष रहे है लेकिन पांचो लम्बे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे है, अब आप ही बताइए की जो अध्यक्ष साल-दो-साल के लिए अध्यक्ष रहे है उनपर पार्टी के उत्थान या पतन का आरोप या यश कैसे मढ़ा जा सकता है? इसलिए ही कांग्रेस के वर्तमान हालत का जिम्मेदार गाँधी परिवार को माना जाता है.
Congress के अध्यक्ष को बदलने का मूल कारण
new congress president : कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बदलने के पीछे कई सारे कारण है, लेकिन मुख्य कारण पार्टी को लगातार मिल रही हार है, जिनके कारण कांग्रेस पार्टी अपना अध्यक्ष बदलने का मूड बना रही है-
गत चुनावो में हार –
new congress president : कांग्रेस आजादी के बाद से ही हर चुनावो में बहुत अच्छा प्रदर्शन करती ही लेकिन 2014 के चुनावो में हार के बाद से कांग्रेस को लगातार निराशा हाथ लग रही है, यहाँ तक की पंजाब में आम आदमी पार्टी से हार गई और बाद में लगातार हारती गई जिससे पार्टी के मतदाताओ और कार्यकर्ताओ ने अध्यक्ष महोदय को कटघरे में खड़ा कर दिया है, लोगो का कहना है की अगर पार्टी में अध्यक्ष के पद पर कोई गाँधी परिवार के अलावा दुसरे सदस्य को अध्यक्ष बनाया जाये तो आने वाले समय में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.
नेताओ के वैचारिक मतभेद
new congress president : कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर शीर्ष नेताओ का मानना है की अगर पार्टी का नेतृत्व गाँधी परिवार के सदस्य से हटकर किसी दुसरे सदस्य को देना चाहिए जिससे देश की जनता का कांग्रेस पार्टी के ऊपर विश्वास बनेगा, और ऐसा करने से संभव है की पार्टी वर्तमान राजनैतिक संकट से उबर कर आगामी चुनावो में बेहतर प्रदर्शन कर सके.
कौन होगा कांग्रेस का नया अध्यक्ष – new congress president
new congress president : हालाँकि ये कहना मुश्किल है की कांग्रेस पार्टी का आगामी अध्यक्ष कौन होगा क्योंकि कांग्रेस के ज्यादातर वरिष्ठ नेता कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह चुके है, और ज्यादातर ने तो कांग्रेस की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी भाजपा का दामन थाम लिया है, जिससे इस वक्त कांग्रेस में ज्यादातर सदस्य शक की नजर से देखे जा रहे है. वहीँ कुछ नेता है जिनको कांग्रेस की नैया पार लगाने वाला कह सकते है जिनकी हमने पूरी सूचि तैयार की है जो की निम्न है-

अशोक गहलोत – Ashok Gehlot
new congress president : अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को जोधपुर राजस्थान, जोधपुर में हुआ था, अशोक गहलोत कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री है. अशोक गहलोत 7th लोकसभा (1980-84) के लिए साल 1980 में पहली बार जोधपुर के संसदीय क्षेत्र से चुने गए. अशोक गहलोत ने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8th लोकसभा (1984-1989), 10th लोकसभा (1991-96), 11th लोकसभा (1996-98) तथा 12th लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया है. अशोक गहलोत फरवरी 1999 में 11th राजस्थान विधानसभा के मेम्बर बने.
वे तीन बार केन्द्रीय मंत्री बने. कुल मिलाकर अशोक गहलोत पांच बार सांसद, तीन बार विधायक और 3 बार मुख्यमंत्री बन चुके है, और वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री है. अशोक गहलोत गाँधी परिवार के काफी ज्यादा करीबी माने जाते है ऐसा कहा जाता है की अशोक गहलोत ने राजनीती भी इंदिरा गाँधी से सीखी थी वो इंदिरा जी को राजनितिक गुरु की तरह मानते भी है. हाल ही में जब सोनिया गाँधी को ED ने भ्रष्टाचार के चलते गिरफ्तार किया तो इसका विरोध करने पहुँचने वाले नेताओ में अशोक गहलोत का नाम प्रमुख है.
पूर्व में जब राजस्थान में सचिन पायलट के नेतृत्व में कुछ विधायको ने जब अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला था तो अशोक गहलोत को गाँधी परिवार का ख्हुला समर्थन मिला था. इसलिए इस बात के कयास लगाये जा रहे है की आने वाले समय में अगर कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष की बात हो और वो अगर गैर गाँधी परिवार का हुआ तो इस बात की अधिकतम सम्भावना है की अध्यक्ष पद राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिल जाये. खैर अभी कुछ और भी नेता है जिनका नाम अध्यक्ष पद के लिए आ सकता है. तो आइये उनके बारे में जानते है.
शशि थरूर – Shashi Tharoor
new congress president : शशि थरूर भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के दिग्गज राजनेता and भारत के पूर्व राजनयिक है. वर्तमान में वो भारत की विदेशी मामलो में संसदीय सचिव के रूप में कार्यरत है. मार्च 2009 में शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी की टिकट से केरल के तिरुवंतपुरम से चुनाव लड़ा था. जिसमे उनके विपक्षी दल कम्युनिस्ट पार्टिया और भारतीय जनता पार्टी थी. चुनावो में हुई आलोचना के बावजूद, उन्होंने इस चुनाव में करीब 100,000 वोटो के अंतर से जीत हासील की थी.
जिसके बाद उन्हें मंत्री परिषद में राज्य मंत्री के रूप में चुना गया था. 28 मई 2009 लैटिन अमेरिका और खाड़ी, अफ्रीका, हज तीर्थयात्रा, और मंत्रालय के वाणिज्य, पासपोर्ट और वीजा सेवाओं सहित कई विदेशी मामलो में मंत्री के रूप में शपथ ली थी. साल 2013 तक सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फेमस नेता के रूप में जाने जाते थे. 2013 तक ट्विटर पर उनके फोल्लोवर्स वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा थे.
शशि थरूर एक हिन्दुवादी नेता है. वे कहते है की वो हिन्दू है और उन्हें हिन्दू होने पर गर्व है. शशि थरूर की पत्नी सुनन्दा पुष्कर के देहांत के समय शशि थरूर पर पत्नी की हत्या का आरोप लगा था. शशि थरूर गाँधी परिवार के काफी करीबी नेता है. हालाँकि कई बार वे विवादों में भी आये लेकिन फिर भी कांग्रेस के पास शशि थरूर अध्यक्ष पद के रूप में विकल्प है.
इन दोनों राजनेताओ के अलावा कांग्रेस के पास दो विकल्प और है-
- मल्लिकार्जुन खड्गे – Mallikarjun Kharge
- Adhir Ranjan Chowdhury
तो दोस्तों आज के लिए बास इतना ही अगर आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे. अपनी राय कमेंट करके बताये.