PFI को किया केंद्र सरकार ने बैन : पिछले कुछ दिनों से PFI के खिलाफ NIA की छापेमारी और जांच जारी है।

जिसमें देशभर में बवाल हुआ था।

जांच के बाद केंद्र सरकार PFI के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में थी।

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देश भर में राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों का मानना था की PFI पर बैन लगे, और निष्पक्ष जांच की जाए।

PFI को किया केंद्र सरकार ने  बैन

जांच करने के बाद केंद्र सरकार ने, PFI पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। PFI के अलावा इसके संबंधित दूसरे संगठनों पर भी बैन लगा है।

आइए जानते है क्या मामला था? और किन किन पर ये बैन लगा है।

क्या था मामला

PFI एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है। जिस पर देश में अराजकता फैलाने का आरोप है। इसके अलावा PFI पर पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों से संबंध होने के भी आरोप है।

देश में कई बार PFI पर आरोप लगे है की इसने निर्दोष हिन्दुओं की हत्या करवाई है। चाहे वे राजस्थान के कन्हैया लाल दर्जी हो या दूसरे हिंदू युवा जिनकी हत्या इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा के चलते हुई है।

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इसके अलावा PFI पर एक और बड़ा संगीन आरोप लगा था। और वो था भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कोशिश करना।

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन PFI से मिले सबूतों में पाया गया है की PFI भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की फिराक में था।

और वो इसकी तैयारी में भी लगा हुआ था। 15 अगस्त 2047 यानी हिंदुस्तान की आजादी के 100 साल पूरे होने पर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहते थे।

लेकिन जब इन सबकी सूचना NIA और केंद्र सरकार को मिली तो सरकार हरकत में आ गई थी। और जांच शुरू कर दी थी जिसमे सभी आरोप सच पाए गए है। और केंद्र सरकार ने PFI पर पांच साल का बैन लगाने का फैसला लिया है।

कितना जायज है ये फैसला

PFI को किया केंद्र सरकार ने बैन : भारत एक धर्मनिरपेक्ष और शांतिप्रिय देश है। भारत के लोग अपने देश की तरक्की के लिए काम करना पसंद करेंगे। ना की कट्टरवाद में घुस कर बर्बादी में जाना।

किसी देश के युवा उस देश की रीढ़ की हड्डी होते है। ऐसे में जब PFI जैसे संगठन इन युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में धकेलते है तो ये अपने देश का ही दुर्भाग्य होगा।

जब कभी देश में PFI अराजकता फैलता तो दोष केंद्र सरकार को ही मिलता। इसलिए सरकार ने समय रहते इस संगठन पर बैन लगा दिया है।

इसके अलावा विरोध और हिंसा कर रहे कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है PFI

PFI एक इस्लामिक संस्था है, जो कई संस्थाओं के जुड़ने से बनी है। PFI का गठन 22 नवंबर 2006 को Karnataka Forum for Dignity, Manitha Neethi Pasarai के विलय से बनी थी।

PFI का हेडक्वार्टर नई दिल्ली है, जहां से सभी गतिविधियां संचालित की जाती है।

NIA Raids PFI : PFI के कार्यकर्ताओ को NIA ने किया गिरफ्तार

पीएफआई का चेयरमैन OMA Abdul Salam है व वाईस चेयरमैन E.M Abdul Rahiman है।

PFI के कई सदस्य rss और दूसरे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार हो चुके है।

PFI पर 2010 में सिमी नाम के आंतकवादी संगठन से लिंक होने के आरोप लगे थे। इसका सबूत ये है की PFI का वर्तमान चेयरमैन Abdul Rehman, कभी सिमी गुट का सेक्रेटरी था।

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भारतीय सेना में सेवानिवृत अधिकारी P. C. Katoch के अनुसार PFI के पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ लिंक है। जो की देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।